भारत के कुछ जगहों पर सत्ता और संसाधनों के लिए निरंतर संघर्ष ने बड़े अनुभागो के लोगों को स्वत्व अधिकार मांग करने और उन पर जबरन लगाए गये संवैधानिक पद क्रम को अस्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसके बजाय वे सक्रिय रूप से अपने जीवन में सरकार के विभिन्न स्तरों की सत्ता को पलटने में भाग लेते हैं। यह सत्य है विशेष रूप से आदिवासी लोगों की बड़ी आबादी वाले उन क्षेत्रों में, जो लोग मताधिकार से वंचित महसूस करते हैं। वे संवैधानिक शक्तियों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का सहारा लेते हैं और इस प्रक्रिया को बगावत के रूप में जाना जाता है। ऐसा ही एक क्
Society
[Image by Utkarsha A Singh]
In a series of articles, Research Matters tries to shed some insights into India’s mental health concern, its different aspects, including the lack of awareness about mental health in general — through the lens of science.
बेंगलुरु निवासियों की ३ सितंबर, २०१३ की सुबह इस भयावह समाचार शीर्षक के साथ हुई ‘सतर्क रहें, मनोविकृत रोगी बेंगलुरु में खुलेआम घूम रहा है’ (वॉच आउट, देयर इज साइको ऑन द लूज़)। यह समाचार तमिलनाडू के सलेम शहर के एक ट्र्क चालक एम.
अध्ययन से ज्ञात होता है कि टेनिस का खेल बहुत कुछ सूचना एवं सम्प्रेषण प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है।
एक गुप्त सर्वेक्षण में पाया गया है कि कैसे दवा की दुकानों में आसानी से मिलने वाली प्रतिबंधित डाइक्लोफेनाक और अन्य गिद्ध- घातक दवाएं दक्षिण एशिया में धीरे-धीरे बढ़ने वाली गिद्ध आबादी के लिए खतरा बनती जा रही है।
जलवायु परिवर्तन की स्थिति में सबसे उपयुक्त कृषि रणनीतियाँ निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिकों ने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया
क्षय रोग के नाम से ही कई लोग भयभीत हो जाते हैं क्योंकि यह दुनिया भर में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। हालाँकि अनेक औषधियों के एक साथ उपयोग से इसका उपचार संभव है, इसके जीवाणु में बढ़ती हुई औषध प्रतिरोध की शक्ति के कारण, सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संकट आ गया है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस नाम का जीवाणु, जिससे ये संक्रमण होता है, सबसे पहले फेफड़ों
शोधकर्ताओं ने शहरों में पानी के टैंकरों के संचार का नियोजन एवं समय-निर्धारण के लिए एक व्यावहारिक रूपरेखा विकसित की है