बड़े एवं अखंड वन पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ होते हैं एवं जैव विविधता को समृद्ध करते हैं। ये प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित बाधाओं का प्रतिकार कर सकते हैं तथा स्वयं को पुनर्जीवित कर सकते हैं। अखंड रूप से आच्छादित ये वन दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं। इसके विपरीत, खंडित रूप से वितरित वन, पौधों तथा जानवरों के अस्तित्व एवं जानवरों के आवागमन को बाधित करते हैं; उदाहरण स्वरूप, मनुष्यों के साथ संघर्ष किए बिना जीवन, शिकार एवं प्रजनन आदि के लिए बाघों को बड़े एवं परस्पर जुड़े हुए वनों की आवश्यकता होती है। यद्यपि भारतीय वन सर्वेक्षण (फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया) तथा अन्

Ecology

मुम्बई

फलोद्यानों में बने खेत के प्लास्टिक फिल्म आस्तरित तालाबों का अध्ययन और समाज पर इसके प्रभाव

मुंबई

सूक्ष्म तरंग (माइक्रोवेव) विकीरण का उपयोग करते हुए नन्हे अदृश्य प्लास्टिक प्रदूषकों की उपस्थिति ज्ञात करने हेतु शोधकर्ताओं ने एक नूतन तकनीक विकसित की है।

Madurai

क्षेत्रीय जल संकट निदान हेतु आईआईटी मुंबई के शोधकर्ता मदुरै की ऐतिहासिक जल-संभर प्रणाली की पुनर्स्थापना हेतु प्रयासरत 

मुंबई

शोधकार्य, एक सरंध्र तरल, सम्मिश्रण के उपयोग का सुझाव देता हैं जिससे औद्योगिक अपशिष्टों से अवशोषित कार्बन-डाइऑक्साइड को कैल्शियम कार्बोनेट में परिवर्तित किया जा सकता है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने  मानव-वन्यजीवन सहअस्तित्व और आगे की राह में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की

मुंबई

शोधकर्ताओं ने चक्रवात फैलिन के बाद के सामाजिक, आर्थिक, मानवीय और शारीरिक कारकों जो बहाली के प्रेरक और कारण बने, की जाँच की 

बेंगलुरु

एक गुप्त सर्वेक्षण में पाया गया है कि कैसे दवा की दुकानों में आसानी से मिलने वाली प्रतिबंधित डाइक्लोफेनाक और अन्य गिद्ध-  घातक दवाएं दक्षिण एशिया में धीरे-धीरे बढ़ने वाली गिद्ध आबादी के लिए  खतरा बनती जा रही है।

बेंगलुरु

अगस्त 2019 में चेन्नई के समुद्र तटों के पास नॉक्टिलुका के प्लवक खिलने के रंग बिरंगे प्रदर्शनों के गवाह बने जिससे अंधेरे में एक सुंदर चमकीला नियोन नीला रंग दिखा । इन नन्हें  प्राणियों की जीवदीप्ति से प्रेरित होकर लोगों ने रंग बिरंगी लहरों के नृत्य को तस्वीरों और वीडियो रूप में इसे साझा किया। लेकिन यह  समुद्र की चमक  (नोक्टिलुका स्किन्टिलन)  खुशी का कोई कारण नहीं है क्योंकि वे इस बात का एक गंभीर संकेत हैं कि जलवायु परिवर्तन हमारे महासागरों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। और हाँ हाल के वर्षों में नोक्टिलुका ने सबसे आम प्लवक जिसे समुद्र में डायटम के

Mumbai

चित्र: यान कोपरिवा, अनस्प्लैश

शोधकर्ताओं ने मिट्टी की आर्द्रता जाँचने के लिए सूक्ष्म ग्रैफीन कणों की मदद से एक सेंसर विकसित किया हैं।

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