बड़े एवं अखंड वन पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ होते हैं एवं जैव विविधता को समृद्ध करते हैं। ये प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित बाधाओं का प्रतिकार कर सकते हैं तथा स्वयं को पुनर्जीवित कर सकते हैं। अखंड रूप से आच्छादित ये वन दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं। इसके विपरीत, खंडित रूप से वितरित वन, पौधों तथा जानवरों के अस्तित्व एवं जानवरों के आवागमन को बाधित करते हैं; उदाहरण स्वरूप, मनुष्यों के साथ संघर्ष किए बिना जीवन, शिकार एवं प्रजनन आदि के लिए बाघों को बड़े एवं परस्पर जुड़े हुए वनों की आवश्यकता होती है। यद्यपि भारतीय वन सर्वेक्षण (फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया) तथा अन्

Society

मुंबई

शोधकर्ताओं ने एक नया कृत्रिम प्रज्ञा ()समर्थ अल्गोरिद्म विकसित किया है जो तन्तुहीन (वायरलैस ) रूप से संचालित संचार जालक (नेटवर्क) की ऊर्जा दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करता है।

मुंबई

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के शोधकर्ताओं ने भोजन और पानी में मौजूद प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक  का पता लगाने के लिए एक सरल और नया सेंसर विकसित किया है

मुंबई

विविधता को ध्यान में रखकर निर्मित किए गए स्वादिष्ट पूरक खाद्य पदार्थ नगरीय कुपोषण का उपचार हो सकते हैं।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने भारत की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर प्राकृतिक गैस के बढ़ते उपभोग के प्रभाव का अध्ययन किया है।

मुंबई

यह अध्ययन पानी की गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए भारत के अपशिष्ट जल शुद्धिकरण के आधारभूत ढांचे में एक पद्धतिबद्ध परिवर्तन करने का प्रस्ताव देता है।

मुंबई

आई आई टी (IIT) बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने दक्षिण भारत में निरंतर सूखे के कारण भूजल स्तर में  चिंताजनक कमी के कारण भूजल पर निर्भरता बढ़ने की रिपोर्ट दी है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने सड़क दुर्घटनाओं के महत्वपूर्ण कारकों का विश्लेषण करके संकटप्रद वाहन चालन परिस्थितियों की पहचान की है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने नए कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) समाहित खाँसी के माध्यम से रोग के प्रसार का अध्ययन किया है ।

मुंबई

बच्चों में अल्पपोषण, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और मोटापे से संबधित मूल्यांकन के लिए शोधकर्ता एक  नई तकनीक का उपयोग करते हैं। 

बेंगलुरु

भारत के कुछ जगहों पर सत्ता और संसाधनों के लिए निरंतर संघर्ष ने बड़े अनुभागो के लोगों को  स्वत्व अधिकार मांग करने और उन पर जबरन लगाए गये  संवैधानिक पद क्रम  को अस्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसके बजाय  वे सक्रिय रूप से अपने जीवन में सरकार के विभिन्न स्तरों की सत्ता को पलटने में भाग लेते हैं। यह सत्य है विशेष रूप से आदिवासी लोगों की बड़ी आबादी वाले उन क्षेत्रों में, जो लोग मताधिकार से वंचित महसूस करते हैं। वे संवैधानिक शक्तियों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का सहारा लेते हैं और इस प्रक्रिया  को बगावत के रूप में जाना जाता है। ऐसा ही एक क्

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