पूर्व के कुछ वर्षों में दिल्ली एवं मुंबई के वातावरण में मीथेन के स्तर में वृद्धि इंगित करता छायाचित्र। 
श्रेय: अध्ययन लेखक 

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बेंगलुरु

शोधकर्ताओं ने चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, ताइवान और भारत में धूम्रपान प्रवृत्तियों का अध्ययन किया।

नई दिल्ली

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप लर्निंग का उपयोग कर मलेरिया, तपेदिक, आंतों के परजीवी, और सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए एक धारणीय उपकरण विकसित किया  है।

बेंगलुरु

वैश्विक अध्ययन कहता है कि वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण दमा दुनिया भर के लाखों बच्चों को प्रभावित करता है।

मुंबई

मिलिट्री संचार व्यवस्था को कैसे और मज़बूत बनाएँ - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई द्वारा एक सैद्धांतिक अध्ययन 

कानपुर

कभी सोचा है कि क्यों सुई चुभने पर तो दर्द होता है, पर खून चूसने के लिए मच्छर द्वारा त्वचा बेधने पर एहसास भी नहीं होता? ग़ौरतलब, यह त्वचा को कैसे छेदा गया है इस पर निर्भर करता है! जहाँ मच्छर अपनी सूंड को आरे के समान आगे-पीछे चलाते हुए त्वचा को काटते हैं, वहीँ सुई त्वचा के ऊपर पूरा बल लगाकर उसे छेदती है।

मुंबई

अध्ययन से पता चला है कि कैसे भूमि के आकार, सिंचाई और किरायेदारी के आधार पर किसान कपास के खेतों में कीटनाशकों पर खर्च करते हैं

कानपुर

२०१९ का वर्ष, और विश्व के सबसे वृहद लोकतंत्र भारत में चुनाव, अपने पूरे उमंग और ज़ोर शोर के साथ अभी-अभी सम्पन्न हुआ है । बीते अन्य वर्षों के समान, ९०करोड़ लोगों का उत्साह बढ़ाने एवं अपने मताधिकार के उपयोग के लिए उन्हें प्रेरित करने के बाद कई पुराने कीर्तिमान टूटे और नए स्थापित

मुंबई

बैंकिंग लेनदेन से लेकर, रक्षा और निगरानी अनुप्रयोगों तक सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवश्यकता सभी स्तरों पर व्याप्त है। संयुक्त राज्य अमेरिका की हाल ही की रिपोर्टों में, चीन के चिप निर्माता की जासूसी या वाणिज्यिक अमेरिकी चिप्स पर गहरी सुरक्षा होने का संदेह है, इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता के महत्व को सामने लाता है। ऐसे ही एक प्रयास में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी मुंबई ) के प्राध्यापक उदयन गांगुली और उनके समूह ने आंकड़ों और ई-कॉमर्स एवं बैंकिंग लेनदेन के भंडारण की सुरक्षा के लिए एक हार्डवेय

पुदुचेरी

कुछ अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के समूह ने हाल ही के एक नए अध्ययन में बिहार में कुष्ठ रोग के निदान के लिए एक सरकारी सहायता प्राप्त कार्यक्रम की कुछ अप्रिय वास्तविकता का खुलासा किया है। साथ ही इस बात का अनुमान लगाया है कि कैसे इस कुष्ठ रोग का सटीक निदान हो सके। ये वैज्ञानिक डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रस्ट, डेमियन फाउंडेशन, बेल्जियम, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुदुचेरी, इंटरनेशनल यूनियन फॉर ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज, फ्रांस औ

बेंगलुरु

कर्नाटक में खोजी गयी छिपकली की एक नयी प्रजाति को हेमिडेक्टीेलस विजयराघवानी नाम दिया गया है, जो भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्राध्यापक विजयराघवन के नाम से प्रेरित है।

इस खोज के श्रेयस्कर राष्ट्रीय जीवविज्ञान केंद्र (एन सी बी एस), बेंगलुरु स्तिथ प्राध्यापक विजयराघवन की प्रयोगशाला से जुड़े शोधकर्ता श्री जीशान मिर्ज़ा हैं. इस अध्ययन के परिणाम, शोधपत्रिका फैलोमेडुसा में प्रकाशित हुए हैं, और इसे सिन्गिनवा कन्सेर्वटिव फाउंडेशन एवं न्यूबै ट्रस्ट लिमिटेड की ओर से आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।

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