आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया है कि आनत (टिल्टेड) सतह पर रक्त की बूँदें कैसे सूखती हैं एवं फटों (क्रैक्स) के अवशेष इन रक्त बूँदों के विषय में क्या कहते हैं।

Deep-dive

बेंगलुरु

अगस्त 2019 में चेन्नई के समुद्र तटों के पास नॉक्टिलुका के प्लवक खिलने के रंग बिरंगे प्रदर्शनों के गवाह बने जिससे अंधेरे में एक सुंदर चमकीला नियोन नीला रंग दिखा । इन नन्हें  प्राणियों की जीवदीप्ति से प्रेरित होकर लोगों ने रंग बिरंगी लहरों के नृत्य को तस्वीरों और वीडियो रूप में इसे साझा किया। लेकिन यह  समुद्र की चमक  (नोक्टिलुका स्किन्टिलन)  खुशी का कोई कारण नहीं है क्योंकि वे इस बात का एक गंभीर संकेत हैं कि जलवायु परिवर्तन हमारे महासागरों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। और हाँ हाल के वर्षों में नोक्टिलुका ने सबसे आम प्लवक जिसे समुद्र में डायटम के

मुंबई

शोधकर्ताओं ने छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक छोटा, सुसंबद्ध, और कुशल माइक्रो-कॉम्ब्सटर डिज़ाइन किया है।

मुंबई

वैज्ञानिक जोखिम प्रवण गाँवों में बाढ़ संकट के पूर्वानुमान के लिए वैश्विक एवं स्थानीय आँकड़ों का सम्मलित  उपयोग कर रहे हैं।     

Bengaluru

क्षय रोग के नाम से ही कई लोग भयभीत हो जाते हैं क्योंकि यह दुनिया भर में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। हालाँकि अनेक औषधियों के एक साथ उपयोग से इसका उपचार संभव है, इसके जीवाणु में बढ़ती हुई औषध प्रतिरोध की शक्ति के कारण, सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संकट आ गया है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस नाम का जीवाणु, जिससे ये संक्रमण होता है, सबसे पहले फेफड़ों

Mumbai

शोधकर्ताओं ने जल विकर्षक पदार्थ बनाने के लिए अरबी के पत्तों की संरचना का अध्ययन किया 

कानपुर

नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने कोशिकीय वंशावली के पुनर्निर्माण के लिए एक नई सांख्यिकीय विधि, ‘LinTIMaT’ (लिनटीआईएमटी) का वर्णन किया है, जो वैज्ञानिकों को परस्पर विकसित होती हुई जैविक प्रणाली में कोशिकाओं के विकास को समझने की क्षमता  प्रदान करती है।

मुंबई

नया सैद्धांतिक कार्य दर्शाता है कि कैसे क्रमिक रूप से इलेक्ट्रॉनों की कैप्चर की गई तस्वीरें इलेक्ट्रॉन में गतिविधि के विकास को दर्शाने के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं।

मुंबई

शोधकर्ता सॉफ्ट पॉलीक्रिस्टल्स के प्रवाह में असाधारण पैटर्न दिखलाते हैं।

मुंबई

हाल ही में पेटेंट की गई स्वदेशी सीएआर-टी (CAR-T) कोशिका तकनीक भारत में मरीज़ों के लिए कैंसर का इलाज सुसाध्य करती है

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