बड़े एवं अखंड वन पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ होते हैं एवं जैव विविधता को समृद्ध करते हैं। ये प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित बाधाओं का प्रतिकार कर सकते हैं तथा स्वयं को पुनर्जीवित कर सकते हैं। अखंड रूप से आच्छादित ये वन दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं। इसके विपरीत, खंडित रूप से वितरित वन, पौधों तथा जानवरों के अस्तित्व एवं जानवरों के आवागमन को बाधित करते हैं; उदाहरण स्वरूप, मनुष्यों के साथ संघर्ष किए बिना जीवन, शिकार एवं प्रजनन आदि के लिए बाघों को बड़े एवं परस्पर जुड़े हुए वनों की आवश्यकता होती है। यद्यपि भारतीय वन सर्वेक्षण (फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया) तथा अन्
Ecology
शोधकर्ताओं ने सर्प के शरीर के माध्यम से आरोपित होने वाले एक साधारण से बल के द्वारा इसमें S-स्टार्ट नामक जटिल गति की पुनरावृत्ति को दर्शाने वाला एक ऐसा संगणक प्रतिरूप निर्मित किया है, जो इस गति पर अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए विकासवाद से संबंध बताता है।
आईआईटी मुंबई एवं सहयोगियों ने अध्ययन किया है कि व्यावसायिक रूप से उपयोग किये जाने वाले प्लास्टिक के अधिकांश भाग का माइक्रो एवं नैनो प्लास्टिक में क्षय कैसे होता है।
सुनामी एवं तटीय बाढ़ जैसी विकट स्थितियों में लहरों के वेग एवं मलबे के दुष्प्रभावों के शमन हेतु एक स्थायी एवं स्थिर समाधान
उत्तम आपदा प्रबंधन एवं आर्थिक सुरक्षा की दृष्टि से, राज्य की वित्त व्यवस्था पर आपदा के प्रभाव का आकलन करने हेतु ‘डिजास्टर इंटेंसिटी इंडेक्स’ का उपयोग करते शोधकर्ता
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने ऐसे जीवाणुओं की खोज की है जो मिट्टी में स्थित विषैले प्रदूषकों को नष्ट करने के साथ उप-उत्पाद के रूप में उपयोगी पोषक तत्व उत्पन्न कर सकते हैं।
भवनों की छतों पर छोटे-छोटे पेड़-पौधों का रोपण कर, घने नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ के प्रकोप एवं अपवाह (रनऑफ) को घटाया जा सकता है।
एक ही क्षेत्र में भौगोलिक प्रतिबंधों के बिना नई प्रजातियों के विकास में पर्यावरणीय संसाधनों, जीन और प्रजातियों में प्रजनन की भूमिका की खोज आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने की है जिससे परंपरागत दृष्टिकोण पर उठा सवाल।
यह अध्ययन समस्त पश्चिमी घाट क्षेत्र में मिट्टी की दीर्घकालिक क्षति के मापन हेतु रिमोट सेंसिंग डेटा का उपयोग करने वाला प्रथम अध्ययन है।
एक नवीन अध्ययन के अनुसार नगर जल अवसंरचना में स्थायित्व एवं परिवर्तनशीलता लाने हेतु प्रवर्धित विकेंद्रीकृत (स्केल्ड डिसेंट्रलाईज्ड) प्रणालियों की ओर ले जाने वाला एक आमूल-चूल परिवर्तन आवश्यक है।