आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया है कि आनत (टिल्टेड) सतह पर रक्त की बूँदें कैसे सूखती हैं एवं फटों (क्रैक्स) के अवशेष इन रक्त बूँदों के विषय में क्या कहते हैं।
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जैव सामग्री के समांगी न होने के कारण उसमें व्युत्पन्न तनाव क्षेत्र (स्ट्रेन फील्ड) कोशिका संरेखण (अलाइनमेंट) को कैसे प्रभावित करते हैं ? आईआईटी मुम्बई के शोधकर्ताओ द्वारा विकास, रोग एवं ऊतक अभियांत्रिकी के क्षेत्र में कोशिका व्यवहार संबंधी हमारे ज्ञान को विस्तार देता एक नया अध्ययन।
कुछ कार्य-आधारित परीक्षणों से ज्ञात होता है कि पीसीओएस विकार महिलाओं की एकाग्रता एवं विभक्त एकाग्रता (डिवाइडेड अटेंशन) को प्रभावित करता है, जिससे प्रतिक्रिया की गति प्रायः 56% एवं सटीकता प्रायः 10% तक घट जाती है।
पार्किंसंस के रोगियों में प्रोत्साहन एवं प्रेरणा जैसे कारकों की अस्वाभाविक प्रक्रिया के अध्ययन हेतु डाटा आधारित दृष्टिकोण
अग्रणी ह्रदय रोग चिकित्सा का मार्ग प्रशस्त करता सैद्धांतिक अध्ययन बताता है की चुम्बकीय बल रक्तचाप के उतार-चढ़ाव को कम एवं रक्त प्रवाह को स्थिर करता है
ताम्र आधारित मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क से निर्मित मितव्ययी संवेदक (सेंसर), जल गुणवत्ता संवेदन के क्षेत्र में स्वर्ण मानक प्राप्त डीएनए आधारित संवेदक के समतुल्य है।
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने शॉकवेव आधारित बिना सुई की सिरिंज विकसित की है जो वेदनारहित एवं सुरक्षित पद्धति से औषधि का वितरण करते हुए त्वचा की क्षति एवं संक्रमण के संकट को कम करती है।
एरोट्रैक उपकरण पानी के नमूनों से फिनोल एवं बेंजीन जैसे हानिकारक प्रदूषकों के संसूचन हेतु प्रोटीन आधारित जैव-संवेदक का उपयोग करता है ।
आईआईटी मुंबई का सूक्ष्म-द्रव उपकरण मानव कोशिकाओं की कठोरता को तीव्रता से मापता है, एवं रोग की स्थिति तथा कोशिकीय कठोरता के मध्य संबंध स्थापित करने में सहायक हो सकता है।
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर अत्यधिक प्रदूषण उत्पन्न करने वाले वाहनों के विषय में अध्ययन किया है एवं प्रदूषण नियंत्रण के लिए कठोर नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया है।