बड़े एवं अखंड वन पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ होते हैं एवं जैव विविधता को समृद्ध करते हैं। ये प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित बाधाओं का प्रतिकार कर सकते हैं तथा स्वयं को पुनर्जीवित कर सकते हैं। अखंड रूप से आच्छादित ये वन दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं। इसके विपरीत, खंडित रूप से वितरित वन, पौधों तथा जानवरों के अस्तित्व एवं जानवरों के आवागमन को बाधित करते हैं; उदाहरण स्वरूप, मनुष्यों के साथ संघर्ष किए बिना जीवन, शिकार एवं प्रजनन आदि के लिए बाघों को बड़े एवं परस्पर जुड़े हुए वनों की आवश्यकता होती है। यद्यपि भारतीय वन सर्वेक्षण (फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया) तथा अन्

General

मुम्बई

शोधकर्ताओं ने एक बायोसेंसर मॉडल का प्रस्ताव दिया है जो द्रव-सेंसर अंतराफलक (इंटरफेस) चार्ज के प्रभाव को  प्रग्रहित करता है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया है कि कैसे एक चुम्बकीकृत उत्प्रेरक (मैग्नेटाइज्ड कैटालिस्ट) ऊर्जा लागत को कम करते हुये हाइड्रोजन उत्पादन को गति दे सकता है। 

मुंबई

एक नवीन शीतलन मॉडल, ढलवाँ लोहे (कास्ट आयरन) की दृढ़ता और लचीलेपन का बेहतर पूर्वानुमान देता है

एक समय था जब रात के आकाश  में  तारे अनंत के लिए एक उपमा थे - रात के काले कंबल में इतने सारे छितराये हुए देखे जा सकते हैं कि उन्हें गिनने में पूरा जीवन व्यतीत हो जाये। तेजी से आगे बढ़ कर अगर आज को देखें तो  अब रात का आकाश चँद्रमा और सितारों के स्थान पर शहरी रोशनी से जगमगाता है।  कृत्रिम प्रकाश के अंधाधुंध उपयोग ने - इमारतों में प्रकाश के लिये बल्ब के प्रयोग से ले कर सड़कों पर सोडियम लैंप या नीओन से चकाचौंध होर्डिंग तक - रात में तारे देखने के आनंद को खत्म कर दिया है। अनुमानित है कि दुनिया की करीब 83 प्रतिशत​ आबादी प्रकाश प्रदूषण से दूषित इलाकों म

मुंबई

आई आई टी (IIT) बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने दक्षिण भारत में निरंतर सूखे के कारण भूजल स्तर में  चिंताजनक कमी के कारण भूजल पर निर्भरता बढ़ने की रिपोर्ट दी है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया कि जल उन सतहों पर किस तरह प्रवाहित होता है जो उसे अत्यधिक विकर्षित करता  है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने सड़क दुर्घटनाओं के महत्वपूर्ण कारकों का विश्लेषण करके संकटप्रद वाहन चालन परिस्थितियों की पहचान की है।

मुंबई

प्रयोगात्मक रूप से मान्य नया  मॉडल अत्यंत सघन इलेक्ट्रॉनिक परिपथों  की रचना करते समय, निर्माण प्रक्रिया में  वैविध्य (वेरिएशन) के लिए उत्तरदायी  है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने नए कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) समाहित खाँसी के माध्यम से रोग के प्रसार का अध्ययन किया है ।

Search Research Matters