हाल ही में पेटेंट की गई स्वदेशी सीएआर-टी (CAR-T) कोशिका तकनीक भारत में मरीज़ों के लिए कैंसर का इलाज सुसाध्य करती है
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शोधकर्ताओं ने शहरों में पानी के टैंकरों के संचार का नियोजन एवं समय-निर्धारण के लिए एक व्यावहारिक रूपरेखा विकसित की है
सैद्धांतिक अध्ययन सुझाव देते हैं कि दो-आयामी (2 डी) नैनो-पदार्थ का उपयोग ऑप्टिकल फिल्टर और थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरणों को बनाने में एक विकल्प बन सकता है।
शोधकर्ताओं ने रेंडम एक्सेस मेमोरी का उपयोग करके, कृतिम प्रज्ञा अर्थात आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज को दिशा देते हुये, एक शक्तिशाली यादृच्छिक तंत्रिका कोशिका अर्थात न्यूरॉन को विकसित किया है।
शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि कैसे तापमान, आर्द्रता (नमी ) और विभिन्न सतहों के गुण कोविड-१९ से संक्रमित श्वसन बूंदों के वाष्पीकरण दर को प्रभावित करते हैं।
चित्र: यान कोपरिवा, अनस्प्लैश
शोधकर्ताओं ने मिट्टी की आर्द्रता जाँचने के लिए सूक्ष्म ग्रैफीन कणों की मदद से एक सेंसर विकसित किया हैं।
आजकल का अदृश्य हत्यारा, वायु प्रदूषण, आज एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य के जोखिम के रूप में हमारे सामने है, जिसने निम्न और मध्यम आय वाले देशों को अधिक प्रभावित किया है। दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 अकेले भारत में ही हैं। इसके उचित समाधान हेतु विभिन्न राज्यों में वायु प्रदूषण के स्तर और प्रभाव को समझने के लिए एक राष्ट्रव्यापी व्यापक अध्ययन आवश्यक था। “लैनसेट प्लैनेटरी हेल्थ” नामक शोध-पत्रिका मे
मूत्राशय की तंत्रिकोशिकाओं का एक कंप्यूटर आधारित मॉडल
शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की गति में सुधार करने के लिए ठोस पदार्थों में त्रुटियों के प्रभाव की जाँच की।