एक नवीन शीतलन मॉडल, ढलवाँ लोहे (कास्ट आयरन) की दृढ़ता और लचीलेपन का बेहतर पूर्वानुमान देता है
Science
एक समय था जब रात के आकाश में तारे अनंत के लिए एक उपमा थे - रात के काले कंबल में इतने सारे छितराये हुए देखे जा सकते हैं कि उन्हें गिनने में पूरा जीवन व्यतीत हो जाये। तेजी से आगे बढ़ कर अगर आज को देखें तो अब रात का आकाश चँद्रमा और सितारों के स्थान पर शहरी रोशनी से जगमगाता है। कृत्रिम प्रकाश के अंधाधुंध उपयोग ने - इमारतों में प्रकाश के लिये बल्ब के प्रयोग से ले कर सड़कों पर सोडियम लैंप या नीओन से चकाचौंध होर्डिंग तक - रात में तारे देखने के आनंद को खत्म कर दिया है। अनुमानित है कि दुनिया की करीब 83 प्रतिशत आबादी प्रकाश प्रदूषण से दूषित इलाकों म
आई आई टी (IIT) बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने दक्षिण भारत में निरंतर सूखे के कारण भूजल स्तर में चिंताजनक कमी के कारण भूजल पर निर्भरता बढ़ने की रिपोर्ट दी है।
शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया कि जल उन सतहों पर किस तरह प्रवाहित होता है जो उसे अत्यधिक विकर्षित करता है।
शोधकर्ताओं ने सड़क दुर्घटनाओं के महत्वपूर्ण कारकों का विश्लेषण करके संकटप्रद वाहन चालन परिस्थितियों की पहचान की है।
प्रयोगात्मक रूप से मान्य नया मॉडल अत्यंत सघन इलेक्ट्रॉनिक परिपथों की रचना करते समय, निर्माण प्रक्रिया में वैविध्य (वेरिएशन) के लिए उत्तरदायी है।
शोधकर्ताओं ने नए कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) समाहित खाँसी के माध्यम से रोग के प्रसार का अध्ययन किया है ।
शोधकर्ताओं ने स्वेद (स्वेट) के चयापचय (मेटाबोलाइट) स्तर में परिवर्तन का पता लगाने के लिए तन्तु (थ्रेड) आधारित संवेदक विकसित किया है।