दक्षिण भारत, जो अभी चिलचिलाती गर्मी से पीड़ित है और मानसून का इंतजार कर रहा है जिसे जून के महीने में कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह प्रतीक्षा अधिक लम्बी और असुखमय होगी। एक प्रेस विज्ञप्ति में, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने घोषणा की है कि पूरे देश में, दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा “सामान्य” रूप से होने की संभावना है। यह भविष्यवाणी करता है कि मात्रात्मक रूप से, बारिश जून-सितंबर के दौरान “लंबी अवधि के औसत या एलपीए” (जो ८९ सेंटीमीटर मात्रा है) का लगभग ९६% होने की उम्मीद है। यह मात्रा १९५१-२००० के बीच देश में होने वाली वर्षा की औसत है, और २०१९ में, इस मा
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लोणार झील की मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण बहिःपार्थिव चट्टानों की उपस्थिति की ओर इशारा करते हैं।
शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया पोस्ट से सार्थक डेटा निकालने के लिए एक खोज प्रणाली विकसित की है
क्या आपने कभी फुटबॉल वर्ल्ड कप देखते समय, मध्यांतर में ट्विटर पर 'गोल' या 'किक' जैसे शब्दों को खोजने की कोशिश की है? यदि हाँ, तो आप शायद यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि पहले हाफ में पेनल्टी किक पर गोल किसने किया किंतु सम्भव है कि खोज परिणामों में फुटबॉल गोल के बजाय गोल अर्थात ‘जीवन-लक्ष्य’ और किक की जगह कॉफी पीने से मिलने वाली ‘किक’ संबंधित विकल्प आपके सामने आ जाए!
टीबी या क्षय रोग, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है, दुनिया भर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। अकेले २०१७ में, दुनिया भर में १ करोड़ लोग इस बीमारी से प्रभावित थे, और लगभग १६ लाख लोगों ने इसकी वजह से दम तोड़ दिया। कई मौजूदा दवाओं के प्रतिरोध विकसित करने वाले बैक्टीरिया के कारण, भारत जैसे देशों में यह स्थिति गंभीर हो रही है। हाल ही के एक अध्ययन में, वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, गुजरात के शोधकर्ताओं ने ट्यूबरक्लोसिस के खिलाफ कुछ संभावित दवाओं का विकास किया है और टीबी बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं के प्रतिकूल उनकी दक्षता
Researchers estimate that half of these deaths, resulting in India and China, can be prevented.
पिछले कुछ महीनों में, फ्रांस, न्यूजीलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में खसरे के प्रको
मूत्र को रोके रखने वाली माँसपेशियों का संचालन करने वाली वैद्युतीय गतिविधियाँ मूत्र असंयमिता (Urinary Incontinence) को समझने की कुंजी हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई और सीएसआईआर-एनसीएल के शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि गोल्ड-लिपोसोम नैनोहाईब्रिड्स कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकने में सक्षम हैं।
शोधकर्ताओं ने तुलना की है कि कैसे ग्रीक और भारतीय गणितज्ञों ने एक गोले का तल -क्षेत्रफल मापा
वैज्ञानिकों ने एक जीवाणु उपभेद की पहचान की है जो बजाय चीनी के, सुगंधित प्रदूषकों को खाना पसंद करता है !