प्राध्यापक अमर्त्य मुखोपाध्याय ने अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए दिसंबर में टाटा ट्रांसफॉर्मेशन पुरस्कार 2024 जीता है।
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आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने शॉकवेव आधारित बिना सुई की सिरिंज विकसित की है जो वेदनारहित एवं सुरक्षित पद्धति से औषधि का वितरण करते हुए त्वचा की क्षति एवं संक्रमण के संकट को कम करती है।
आईआईटी मुंबई का IMPART नामक नवीन वेब एप्लिकेशन जल सतह के तापमान पर दृष्टि रखने में शोधकर्ताओं की सहायता करता है एवं जलवायु परिवर्तन पर दृष्टि रखने में सहायक है।
‘तारा’ ऐप ने देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में 7 लाख छात्रों के लिए वाचन मूल्यांकन प्रारंभ किया।
एरोट्रैक उपकरण पानी के नमूनों से फिनोल एवं बेंजीन जैसे हानिकारक प्रदूषकों के संसूचन हेतु प्रोटीन आधारित जैव-संवेदक का उपयोग करता है ।
आईआईटी मुंबई का सूक्ष्म-द्रव उपकरण मानव कोशिकाओं की कठोरता को तीव्रता से मापता है, एवं रोग की स्थिति तथा कोशिकीय कठोरता के मध्य संबंध स्थापित करने में सहायक हो सकता है।
रिफाइनरी से प्राप्त उपचारित अपशिष्ट जल जब बालू से होकर बहता है तो इस पर प्रदूषक-भक्षी जीवाणुओं की एक परत निर्मित कर देता है, जो पानी से हानिकारक यौगिकों को दूर करती है।
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने पशुओं की गतिविधियों का अनुकरण करने वाले रोबोट का उपयोग करते हुए अध्ययन किया कि वे कुशलतापूर्वक घर कैसे लौट आते हैं।
प्रस्तावित पद्धति वाहनों में रेडिएटर के इष्टतम आकार का निर्धारण कर फ्यूल-सेल आधारित विद्युत वाहन के भार, मूल्य एवं क्षमता को अनुकूलित करती है।
फोटोनिक तत्वों की दक्षता वृद्धि हेतु शोधकर्ताओं ने सिलिकॉन नाइट्राइड के उपयोग की नवीन विधि विकसित की है, जो संचार एवं सूचना प्रसंस्करण के क्षेत्र में तेज, अधिक सुरक्षित एवं ऊर्जा-दक्ष प्रौद्योगिकी की दिशा में एक कदम है।