भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई का एक अध्ययन पदार्थों के गुणों को आणविक स्तर पर निर्धारित करने में मदद कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने मधुमेहजन्य किडनी रोग के प्रारंभिक चेतावनी संकेतों की खोज की है और व्यक्तिगत उपचार का मार्ग प्रशस्त किया है।
Mumbai/
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई का एक अध्ययन पदार्थों के गुणों को आणविक स्तर पर निर्धारित करने में मदद कर सकता है।
एक अध्ययन से पता चला है कि भूमि की सतह के तापमान के कारण, नगरों के ऊपर कोहरे का ठहराव सिकुड़ जाता है।
अच्छे स्वस्थ्य के लिए शुद्ध पेय जल एक महत्वपूर्ण ज़रूरत है। अशुद्ध जल पीने से हैज़ा, दस्त, पेचीस, हेपेटाइटिस-ए, और टायफॉइड जैसी बीमारियाँ होती हैं। भारत जैसे देश में, जहाँ २१ प्रतिशत संक्रामक बीमारियाँ दूषित जल के कारण फैलती हैं और साफ-सुरक्षित पेय जल की अनुपलब्धता के कारण प्रतिदिन ५०० से ज़्यादा बच्चे ५ वर्ष की आयु के भीतर ही दस्त के शिकार हो जाते हैं, शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराना सर्वोपरि आवश्यकता है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) के भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (सी.एस.आई.आर.
मुंबई और कोलकाता शहरों की परिधि पर बने उपनगर, आवास की समस्या का समाधान करने में विफल रहे हैं|
एक अध्ययन में दर्शाया गया है कि क्रिस्टलीकरण से कैसे किसी पदार्थ का आकार बदला जा सकता है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मुंबई के शोधकर्ताओं ने धारणीय टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बैडमिंटन प्रशिक्षण प्रणाली विकसित की है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आई आई टी बॉम्बे ) के शोधकर्ताओं ने अनार के बीज से पुष्टिकारक तेल, प्रोटीन और रेशे (फाइबर) निकालने का एक बहुत ही आसान तरीका सुझाया है।
शहरीकरण का गाँव के प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ता दुष्प्रभाव! प्राकृतिक संसाधनों और आजीविका में अप्रत्याशित परिवर्तन के साक्षी बनते शहरों की परिधि पर बसे गाँव।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के नवीन अध्ययन में देखा गया है कि भारतीय उपभोक्ता उच्च ऊर्जा दक्षता वाले वातानुकूलक के लिए अधिक भुगतान करने को तैयार हैं!
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के एक अध्ययन के अनुसार, अनियोजितता का उपयोग बहु-जलाशय सिंचाई प्रणालियों के लिए बेहतर उपाय पाने में मदद करता है।