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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (आईआईटी बॉम्बे) के दो नवीन अध्ययन स्फटिक (क्रिस्टल) में परमाणुओं की व्यवस्था में अन्तर्निहित

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कई परमाणुओं से मिलकर जब अणु निर्मित होते हैं, तो इन परमाणुओं के जुड़ने की प्रक्रिया पृथक-पृथक हो सकती है। एक ही अणु के दो रूपों की संरचना समान हो सकती है किन्तु यदि परमाणुओं की व्यवस्था पृथक-पृथक होती है तो समभारी (आइसोमर्स) बनते हैं। कुछ समभारियों में ऐसी संरचनाएं हो सकती हैं जो एक दूसरे की दर्पण छवियां (मिरर इमेज) हों। ऐसे अणुओं को काइरल अणु कहते हैं। वैज्ञानिक ऐसे अणुओं के अध्ययन में रुचि रखते हैं, उदाहरण स्वरुप पेनिसिलिन, क्योंकि इसके अणुओं की एक व्यवस्था जीवन रक्षक हो सकती है जबकि दूसरी घातक हो सकती है!

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उन्नत प्रक्रिया से शरीर में औषधि सम्प्रेषण संसाधनों का एक व्यापक सर्वेक्षण

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नया शोध विशिष्ट अणुओं की पहचान करता है जो एक कोशिका के अंदर और रक्तप्रवाह में वसा (लिपिड) के परिवहन में मध्यस्थता करते हैं।

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आईआईटी बॉम्बे MEGA-ACE नामक एक बहु-संस्थान प्रयास का एक भाग है जिसे ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को सुदृढ़ करने के लिए अल्गोरंड अनुदान प्राप्त हुआ है।

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फलोद्यानों में बने खेत के प्लास्टिक फिल्म आस्तरित तालाबों का अध्ययन और समाज पर इसके प्रभाव

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सूक्ष्म तरंग (माइक्रोवेव) विकीरण का उपयोग करते हुए नन्हे अदृश्य प्लास्टिक प्रदूषकों की उपस्थिति ज्ञात करने हेतु शोधकर्ताओं ने एक नूतन तकनीक विकसित की है।

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तीव्रता से परिवर्तित होने वाले क्षीण चुंबकीय क्षेत्रों के छायांकन (इमेजिंग) के लिए हीरे के क्वांटम दोषों (डिफेक्ट्स) का प्रयोग 

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बहु-संस्थागत 5 जी परीक्षण मंच (टैस्ट बैड ) परियोजना मानव संसाधन और 5 जी आधारभूत ढांचे को विकसित करने और एक सक्षम वातावरण निर्माण में सहायता करने के लिए

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संस्कृति मंत्रालय एवं आईआईटी मुंबई के मध्य एक सहभागिता कार्य  की परिणति भारतीय संस्कृति पोर्टल, भारतीय ज्ञान, कला, संस्कृति एवं इतिहास की निधि है जो एक अपूर्व डिजिटल स्थान है।