भवनों की छतों पर छोटे-छोटे पेड़-पौधों का रोपण कर, घने नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ के प्रकोप एवं अपवाह (रनऑफ) को घटाया जा सकता है।
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आईआईटी मुंबई का सूक्ष्म-द्रव उपकरण मानव कोशिकाओं की कठोरता को तीव्रता से मापता है, एवं रोग की स्थिति तथा कोशिकीय कठोरता के मध्य संबंध स्थापित करने में सहायक हो सकता है।
रिफाइनरी से प्राप्त उपचारित अपशिष्ट जल जब बालू से होकर बहता है तो इस पर प्रदूषक-भक्षी जीवाणुओं की एक परत निर्मित कर देता है, जो पानी से हानिकारक यौगिकों को दूर करती है।
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने पशुओं की गतिविधियों का अनुकरण करने वाले रोबोट का उपयोग करते हुए अध्ययन किया कि वे कुशलतापूर्वक घर कैसे लौट आते हैं।
सौराष्ट्र बेसिन के तलछट में पाए जाने वाले खनिजों के कालनिर्धारण संबंधी एक नवीन अध्ययन प्राचीन नदियों के मार्गों एवं भारतीय उपमहाद्वीप के भूवैज्ञानिक इतिहास की जानकारी देता है।
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर अत्यधिक प्रदूषण उत्पन्न करने वाले वाहनों के विषय में अध्ययन किया है एवं प्रदूषण नियंत्रण के लिए कठोर नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया है।
प्रस्तावित पद्धति वाहनों में रेडिएटर के इष्टतम आकार का निर्धारण कर फ्यूल-सेल आधारित विद्युत वाहन के भार, मूल्य एवं क्षमता को अनुकूलित करती है।
फोटोनिक तत्वों की दक्षता वृद्धि हेतु शोधकर्ताओं ने सिलिकॉन नाइट्राइड के उपयोग की नवीन विधि विकसित की है, जो संचार एवं सूचना प्रसंस्करण के क्षेत्र में तेज, अधिक सुरक्षित एवं ऊर्जा-दक्ष प्रौद्योगिकी की दिशा में एक कदम है।
भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था पद्धति के सफल अंगीकरण हेतु आवश्यक कारकों की पहचान करता आईआईटी मुंबई का नवीन अध्ययन।
शोधकर्ताओं ने सिरेमिक आधारित शीतल-पट्टिकायें विकसित की हैं जो संगणक शीतलन में प्रयुक्त की जाने वाली ताम्र शीतल-पट्टिकाओं का स्थान लेकर लघु एवं सुसंबद्ध सर्किट बोर्ड का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।