आईआईटी मुंबई के प्राध्यापक देबब्रत मैती को वैज्ञानिक उपादेयता (वैलोराईजेशन) से संबन्धित उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए एसएसबी पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया।
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कई परमाणुओं से मिलकर जब अणु निर्मित होते हैं, तो इन परमाणुओं के जुड़ने की प्रक्रिया पृथक-पृथक हो सकती है। एक ही अणु के दो रूपों की संरचना समान हो सकती है किन्तु यदि परमाणुओं की व्यवस्था पृथक-पृथक होती है तो समभारी (आइसोमर्स) बनते हैं। कुछ समभारियों में ऐसी संरचनाएं हो सकती हैं जो एक दूसरे की दर्पण छवियां (मिरर इमेज) हों। ऐसे अणुओं को काइरल अणु कहते हैं। वैज्ञानिक ऐसे अणुओं के अध्ययन में रुचि रखते हैं, उदाहरण स्वरुप पेनिसिलिन, क्योंकि इसके अणुओं की एक व्यवस्था जीवन रक्षक हो सकती है जबकि दूसरी घातक हो सकती है!
तीव्रता से परिवर्तित होने वाले क्षीण चुंबकीय क्षेत्रों के छायांकन (इमेजिंग) के लिए हीरे के क्वांटम दोषों (डिफेक्ट्स) का प्रयोग
बहु-संस्थागत 5 जी परीक्षण मंच (टैस्ट बैड ) परियोजना मानव संसाधन और 5 जी आधारभूत ढांचे को विकसित करने और एक सक्षम वातावरण निर्माण में सहायता करने के लिए
शोधकर्ताओं ने विभव नियंत्रित क्वान्टम परिपथ निर्मित करने का एक नवीन मार्ग ढूंढ निकाला है जिसमें उन्होंने ग्रफ़ीन एवं अल्फा मोलिब्डनम ट्राई ऑक्साइड के संयोजन का उपयोग किया है।
शोधकर्ताओं द्वारा क्वांटम मैटीरियल पर आधारित एक ऐसी वैलीट्रॉनिक्स युक्ति संरचना प्रस्तावित की गई है जिसे वर्तमान तकनीक का उपयोग करते हुए प्रयुक्त किया जा सकता है।
भारत विविधताओं का देश है। देश में बोली जाने वाली भाषाओं की व्यापक संख्या इस तथ्य का प्रमाण है। मुख्यतया चार भाषाओं के वर्ग हैं जिनके साथ बाईस अनुसूचीबद्ध भाषाएँ हैं, जिनमें तीस से अधिक भाषाएँ दस लाख से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हैं।
साधारण द्वि-घटक मिश्रधातुओं से प्राप्त सूचना का उपयोग करके, बहु-घटक मिश्र धातुओं के प्रत्यास्थ व्यवहार का पूर्वानुमान यंत्राधिगम (मशीन लर्निंग) द्वारा किया जा सकता है।
कंक्रीट संरचनाओं में स्टील सुदृढीकरण सरियों में जंग की विकरालता का पता लगाने के लिए एक सरल सेंसर प्रोब का निर्माण
क्षेत्रीय जल संकट निदान हेतु आईआईटी मुंबई के शोधकर्ता मदुरै की ऐतिहासिक जल-संभर प्रणाली की पुनर्स्थापना हेतु प्रयासरत