बड़े एवं अखंड वन पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ होते हैं एवं जैव विविधता को समृद्ध करते हैं। ये प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित बाधाओं का प्रतिकार कर सकते हैं तथा स्वयं को पुनर्जीवित कर सकते हैं। अखंड रूप से आच्छादित ये वन दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं। इसके विपरीत, खंडित रूप से वितरित वन, पौधों तथा जानवरों के अस्तित्व एवं जानवरों के आवागमन को बाधित करते हैं; उदाहरण स्वरूप, मनुष्यों के साथ संघर्ष किए बिना जीवन, शिकार एवं प्रजनन आदि के लिए बाघों को बड़े एवं परस्पर जुड़े हुए वनों की आवश्यकता होती है। यद्यपि भारतीय वन सर्वेक्षण (फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया) तथा अन्

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आईआईटी मुंबई एवं सहयोगियों ने अध्ययन किया है कि व्यावसायिक रूप से उपयोग किये जाने वाले प्लास्टिक के अधिकांश भाग का माइक्रो एवं नैनो प्लास्टिक में क्षय कैसे होता है।

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पार्किंसंस के रोगियों में प्रोत्साहन एवं प्रेरणा जैसे कारकों की अस्वाभाविक प्रक्रिया के अध्ययन हेतु डाटा आधारित दृष्टिकोण

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किसी एक सतह के सिरे को टेपर करके शोधकर्ताओं ने फ्रिक्शन वेल्डिंग के जोड़ को दृढ़ता प्रदान करने की सरल एवं अभिनव तकनीक विकसित की है।

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आईआईटी मुम्बई के वैज्ञानिकों ने ग्राफ़ीन आधारित एक नवीन जल-अपकर्षी पदार्थ विकसित किया है, जो मीठे जल संबंधी संकट को दूर करने में सहायक हो सकता है।

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पीढ़ियों से अपने वंशानुक्रम को सतत बनाये रखने की कला में निपुण सूक्ष्म सा डीएनए, इसके निमित्त यीस्ट कोशिका की विभाजन युक्ति का आश्रय लेता है,वह भी यीस्ट को कोई अतिरिक्त लाभ दिए बिना।

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आईआईटी मुंबई की लेज़र पुनर्गलन (लेज़र रीमेल्टिंग) युक्ति उत्पादन गति को कम किये बिना 3-डी प्रक्रिया में सन्निहित दोषों का निराकरण करने में सक्षम है।

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अग्रणी ह्रदय रोग चिकित्सा का मार्ग प्रशस्त करता सैद्धांतिक अध्ययन बताता है की चुम्बकीय बल रक्तचाप के उतार-चढ़ाव को कम एवं रक्त प्रवाह को स्थिर करता है

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आईआईटी मुंबई एवं भारतीय रेलवे के शोधकर्ता रेलवे समय -सारणी प्रबंधन के लिए प्रतिदिन न चलने वाली रेलगाड़ियों को एक समूह में मानकर कर भारतीय रेलवे को और दक्ष बनाएंगे।

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ताम्र आधारित मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क से निर्मित मितव्ययी संवेदक (सेंसर), जल गुणवत्ता संवेदन के क्षेत्र में स्वर्ण मानक प्राप्त डीएनए आधारित संवेदक के समतुल्य है।

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आईआईटी मुम्बई के एक अध्ययन के अनुसार बहुवैकल्पिक चयन प्रणाली के अंतर्गत यदि चयन विकल्पों को सीमित कर दिया जाए तो सटीक एवं यथार्थ जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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